मन मस्तिष्क को सशक्त कैसे रखें TIPS FOR INCREASE MIND POWER IN HINDI

आजकल सब भागमभाग की जिंदगी बिता रहे हैं ,खासतौर पर बड़े-बड़े शहरों के लोग l कब सुबह हुई कब शाम इसका उन्हें एहसास तक नहीं होता lबहुत से युवाओं की कार्यशैली इस प्रकार की बन जाती है कि वह रात भर काम करते हैं और दिन में सोते हैं lकभी ताजा हवा का आनंद ही नहीं लेते, अपने काम की धुन तथा अन्य परेशानियों में घिरे युवा किसी तरह अपना रोजाना का रूटीन पूरा करते करते बेहद थके हुए हुए नजर आते हैं ,उनमें उत्साह एवं शक्ति नजर ही नहीं आती हैl जवानी में इतनी शारीरिक और मानसिक शक्ति मौजूद होते हुए भी उसका सही उपयोग नहीं कर पाते इसके कई कारण हो सकते हैं वह बहुत कुछ करना तो चाहते हैं लेकिन शांत भाव से कभी विश्लेषण नहीं करते कि उनकी योग्यता , अभिरुचियां ,अभिव्यक्तियां किस प्रकार की हैं वह केवल अपने इर्द गिर्द के लोगों या मीडिया से प्रभावित होकर बिना खुद को समझे बंधे बंंधाए ढंग से काम करने में जुट जाते हैं ,बस सोना खाना काम करना यही उनकी दिनचर्या होती है ।किस तरह से मन को प्रसन्न रखें कैसे सेहत का ध्यान रखें मस्तिष्क को को किस तरह और अधिक सक्रिय बनाएं ,इसके बारे में जरा भी नहीं सोचते ।रात दिन काम करते-करते उनका मस्तिष्क निष्क्रिय हो जाता है ,उनमें सोचने दृढ़ता से निर्णय लेने की शक्ति कम हो जाती है, किसी जटिल समस्या का घर या ऑफिस में सामना पड़ते ही परेशान हो जाते हैं ।चिड़चिड़ापन और गुस्से से पेश आते हैं अपनी परेशानी का कारण ना समझ कर दूसरों को दोषी ठहराते रहते हैं और बेहद असंतुष्ट बने रहते हैं ।आखिर क्यों नहीं जाता आज के युवकों का ध्यान स्वयं को अधिक ऊर्जा वान एवं शक्तियों से भरपूर बनाने पर। कुछ तो इसमें रोल है टेलीविजन का ज़रा समय मिला नहीं की TV पर अपना पसंदीदा प्रोग्राम देखने बैठ गए ,खाना खाया और सो गए। उन्होंने कभी सोचने की कोशिश नहीं की कि अपनी शारीरिक वह मानसिक सेहत बनाने के लिए थोड़ा व्यायाम, खुली हवा में से सैर करना कितना जरूरी है ।बहुत से मामलों में माता पिता के कहने और समझाने के बावजूद भी युवाओं पर कोई ऐसा नहीं पड़ता है ।वे तो केवल अपनी मनमानी करना चाहते हैं। सुस्ती और आराम तलबी की आदत बहुत से युवाओं में इतनी पड जाती है कि उन्हें बीमार रहना या व्यर्थ समय गंवाना तो पसंद है ,लेकिन अपने को तंदुरुस्त बनाए रखने में जो थोड़ी मेहनत और अभ्यास और आदत डालने की जरूरत है उसका महत्व नहीं समझना चाहते ।आज हर व्यक्ति को अपने मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने की सख्त जरूरत है यदि केवल रूटीन कामों में ही लगे रहेंगे तो मस्तिष्क निष्क्रिय बनता जाएगा ।हमारे मस्तिष्क को जरूरत है विविध प्रकार के चैलेंजिंग काम करते रहने की ताकि मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं यानी न्यूरल लिंक का भरपूर उपयोग करके हम कठिन से कठिन कार्यों को कर पाने का अपना सामर्थ्य बढा पाएं ।कुछ ब्रेन एक्सरसाइज द्वारा मस्तिष्क के संदेशवाहकों को अधिक से अधिक गतिशील बनाने की जरूरत है ।तनावग्रस्त सुस्त निष्क्रिय बने रहने से विटामिन का संचार कम होता है मस्तिष्क की शक्ति कम होने से हर काम मुश्किल लगता है ।मस्तिष्क को सजग व ताजा रखने के लिए रोजाना व्यायाम व कुछ ना कुछ नया काम अवश्य करें जिसमें अलग तरह से आपके हाथ पैरों का प्रयोग हो ।इसके साथ ही वह कार्य थोड़ा कठिन हो ताकि उसे करने में मस्तिष्क की ज्यादा से ज्यादा हिस्सा भाग ले और नई तरह से सोचने और कार्य करने की क्षमता में वृद्धि करें ।रोजाना सैर के लिए जाएं गहरी सांस लेकर अपने मस्तिष्क में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाएं इससे ताजगी और स्फूर्ति बढ़ेगी। ऐसे गेम्स खेलें या ऐसी गतिविधियों में शामिल हो जिसमें दिमाग लगाने की जरूरत है ताकि ब्रेन की लगातार वर्जिश होती रहे ऐसा करने से आप मुश्किल से मुश्किल कामों को करने में सफल हो पाएंगे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा बार बार सफलता के अनुभव से बेहद खुशी व संतुष्टि मिलेगी जो आपको और अधिक चैलेंजिंग कार्य करने को आंतरिक रूप से प्रेरित करेगी। इंटरनेट के जरिए किताबों के माध्यम से तथा ज्ञानवर्धक TV प्रोग्राम से हर तरह की जानकारी हासिल करने का प्रयास करें ।अपनी समस्याओं का संज्ञानात्मक विश्लेषण करें जरूरत पड़ने पर परिजनों और शुभचिंतकों की सहायता लेने से ना हिचके। अक्सर युवा कई तरह की परेशानियां में घिरकर सोचने की शक्ति खो बैठते हैं। कुछ लोग गलत रास्ते पर जाकर तो कुछ मायूस होकर निष्क्रिय हो जाते हैं जब भी ऐसी भावनाओं से ग्रसित हो अपनी अच्छाइयों और मजबूरियों पर गौर करें और नकारात्मक सोच व भावनाओं से बाहर निकलने का प्रयास करें ताकि भावुक होने की बजाय अपने मस्तिष्क की अनुपम शक्ति का उपयोग करके मनचाही मंजिल पा सके आप अवश्य ही ऐसा कर सकते हैं ऐसा विश्वास रखें।

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